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Showing posts from May, 2025

June 2025 Bucket List: 10 Things to Try This Month" ( "जून 2025 बकेट लिस्ट : इस महीने आजमाने लायक 10 चीज़े" )

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June 2025 Bucket List: 10 Things to Try This Month"    जून का महीना शुरू हो चुका है और इसके साथ ही गर्मी की छुट्टियाँ, नए अनुभव और ताजगी से भरे अवसर भी लेकर आया है।  तो क्यों न इस जून को कुछ खास बनाया जाए?  यहाँ हम आपके लिए लाए हैं :- * वो 10 चीज़ें जिन्हें आपको इस महीने में ज़रूर आज़माना चाहिए !  * सूरज उगते हुए देखना (Early Sunrise Walk):- हर दिन जल्दी उठना मुश्किल होता है, लेकिन जून की एक सुबह सूरज को उगते हुए देखना आपकी आत्मा को सुकून देगा।  * डिजिटल डिटॉक्स डे (Digital Detox Day):- एक दिन बिना मोबाइल, सोशल मीडिया और स्क्रीन के बिना   बिताएं।  खुद से जुड़िए , परिवार से मिलिए और असल ज़िंदगी को महसूस कीजिए। *  कोई नया फल या ड्रिंक ट्राय करें :- जून के महीने में आम, लीची, खरबूजा जैसे फल खूब आते हैं। कोई नया फ्रूट शेक या मॉकटेल बना कर ट्राय करें। *  अपने शहर के किसी अनदेखे जगह पर जाएँ :- हर शहर में कुछ ऐसी जगहें होती हैं जिनकी हमें जानकारी नहीं होती। इस महीने अपने शहर का लोकल टूरिस्ट बनें। * कोई नई स्किल सीखें :- चाहे वह गिटार बजाना ह...

आज के डिजिटल युग में माइंडफूलनेस (या) कहें तो (आत्म जागरूकता ) कैसे लाये समझते है !!

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  तेज रफ्तार दुनिया में आखिर कैसे आत्मा शांति पाएं आइए समझते है!! जब स्क्रीन ही जीवन बन जाएं :-                                                            आज के समय में हर कोई मोबाइल, लैपटॉप और नोटिफिकेशन से घिरा हुआ है,    काम (या) मनोरंजन हर चीज अब इस जमाने में डिजिटल हो चुकी है, इस बढ़ते डिजिटल युग में आत्मजागरूकता, सजगता और संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक हो गया है।। 1)  माइंडफुलनेस (या) आत्मजागरूकता क्या है ???   * आज जो जीवन अपनी ही चरम सीमा पर अग्रसर है, वहीं पूरी तरह से बिना किसी तनाव और चिंता के सजग रहना, यह कोई कठिन तपस्या (या) साधना नहीं है, * यह Daily routine का एक साधारण सा अभ्यास है, जिसे हमे अपने विचारों भावना और हमारे आत्म जागरूकता से ही जानना होगा ।। 2) डिजिटल युग की चुनौतियां:-    * स्क्रीन से प्रेम :-                       ...
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 सीजन की बारिश :- आपने आज तक सुनी होगी " मौसम की बारिश "   आज   " सीजन की बारिश " से रूबरू होते है, ये किस्सा और ये ख़्याल आज कल चल रहे शादियों के सीजन से मेरे ख्याल में आया है।।  आप और में अभी इससे बखूबी रूबरू हो चुके है, की जिस तरह से शादियां हो रही और उस बीच बारिश अपना कहर बरपा रही है, बारिश के बीच होती हुई ये शादियां जहां दूल्हा दुल्हन पक्ष से खूब सारी तैयारियों के बाद , लाखों खर्च करने के बाद ये जो शब्द मैने अपने खुद के आधार पर जो दिया है, "सीजन की बारिश" ये सब तैयारियों और लाखों के खर्चे को धरा का धरा रख देती है, और चलती तैयारियों के बीच पानी फेर देती है, खुशी खुशी जो तैयारियां चल रही थी उसमें पानी कहीं थोड़ा तो कहीं पूरा विघ्न डाल देता है, और खुशी के पलों पर पानी फिर जाता है, में हाल ही में एक शादी के समारोह में गया वहां दूल्हा दुल्हन पक्ष एक ही जगह जगह गार्डन में शादी की तैयारियां कर रहे थे शाम में शादी होनी थी जिसके लिए तैयारियां अपने अपने हिसाब से सभी कर रहे थे, जिस गार्डन में शादी होनी थी, वह गार्डन के लिए तो काफी जगह थी पर ठहरने के लिए और तैयार...

संस्कारों का महत्व : "आज के युग मे पारंपरिक मूल्यों की भूमिका " ( Importance of Culture of Manners : The role of traditional values in today's Era )

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  * संस्कारों का महत्व: " आज के युग में पारंपरिक मूल्यों की भूमिका " आज का युग जहां हम निरंतर प्रगति की ओर बढ़ते जा रहे हैं, तीव्रता से आधुनिक शैली को अपना रहे हैं, जहां देश दुनिया में एक दूजे से होड़ के लिए जद्दोजहद जारी है वहीं एक सवाल मन में संकोच सा उत्पन्न करता है :- : " कि आज हमारे संस्कारों में हम कहां है 😐 ?? " ऐसे समय में यह विचार करना आवश्यक हो जाता है कि क्या हमारे संस्कार जो पीढ़ियों से हमारी पहचान का हिस्सा रहे, वही संस्कार आज भी प्रासंगिक है ।। * परिवार और संस्कार :  परिवार यह समाज की सबसे छोटी इकाई है, पर आपको बतला दिया जाए कि संस्कारों के अधीन सबसे मुख्य किरदार यही परिवार ही रखता है, आज हम पुराने समय की ओर चलते हैं और परिवार और संस्कार के बीच का पहलू अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर करते हैं आज मैं कुछ किस्से साझा करना चाहूंगा, मेरी उम्र आज 24 वर्ष है और इन्हीं 24 वर्षों के अंतराल में आधुनिक युग को तीव्रता से बढ़ते हुए देखा है।। मेरा जन्म गांव में ही हुआ है मैं गांव के संस्कारों और अनुभव को भलीभांति जाना है, गांव के चौबारे पर बैठे वह बड़े बुजुर्ग ...

सबसे बड़ा दुश्मन अनियंत्रित मन (Uncontrolled Mind) कैसे करे अपने मन मुताबिक आइए समझते है !!

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अनियंत्रित मन (Uncontrolled Mind ) :- आज का युग जहां दुनिया भर की चीजों का उपयोग बड़ा है, दुनिया तरक्की की ओर है, इलेक्ट्रॉनिक यंत्र जिनका उपयोग आज दुनिया भर के लोगों का जुनून (Passion) बन गया है,  आज जितना इंसान इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं से लगाव करने लगा है,   उतना ही पर्सनल लाइफ में खुद को अकेला भी महसूस करने लगा है।। समझते हैं कुछ पहलुओं से :- जहां हम आसानी से तथ्यों के बारे में जाने जिससे आज इंसान खुद से लड़ाई लड़ रहा है, वहीं अनियंत्रित मन (Uncontrolled Mind) आसान बातों से समझते हैं || अनियंत्रित मन  जिसे overthinking  ( बहुत ज्यादा सोचना ) भी कह  सकते हैं, हमने अपने जीवन में कई बार इन चीजों का अनुभव किया है, पर हम इन्ही  सब चीजों में इतना घीर चुके हैं कि हमें इसका आभास तक नहीं !!   जैसे :- कभी पढ़ने का मन होता है और इस बीच मोबाइल से आई हुई वह बिप्सी एसएमएस (SMS) की रिंगटोन जो पढ़ने की दृढ़ इच्छा को आसानी से चकनाचूर कर चुकी होती है, और इस बीच 2 मिनट के लिए मोबाइल हाथ में ले लिया जाता है और वही 2 मिनट के लिए लिया गया फोन उसमें हम सोशल मीडिया प्लेटफ...

सोशल मीडिया से दीमाग का नुकसान या फायदा आइये जानते है।।

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                      बौद्धिक क्षमता की ओर बढ़ते समय सोशल मीडिया के प्रति बढ़ता प्रेम ।। शुरुवात:- सर्वप्रथम जाने तो वह समय जब बौद्धिक क्षमता का विकास होता है यह समय जीवन का सबसे अमूल्य समय होता है जब बच्चों या फिर युवा को अपने जीवन के लिए मानसिक तौर पर परिपक्व होना होता है ।। बालपन :- बच्चों के बालपन की बात करें तो उनकी बोद्धिकता का किस दिशा की ओर बढ़ना या समझ की शक्ति से तात्पर्य है और युवा की बात करें तो उन्हें इसी समय अपने भविष्य की आजीविका के लिए मजबूत नींव अपने ही बौद्धिक क्षमता के आधार पर रखनी होती है ।। चंचल मन का बहकना :-  अगर बात करें तो चंचल मन का विचलित होना  बौद्धिक क्षमता के विकास के समय ही होता है जैसा वह अपने आसपास का वातावरण का अनुभव करता है फिर वह क्या देख रहा है, क्या सुन रहा है, और क्या कर रहा है यहां उसकी सारी समझ  उसके द्वारा अनुभव किए गए परिस्थितियों से होती है और उसकी इसी विचलितता को बढ़ावा देने का कार्य आज बखूबी रूप से सोशल मीडिया अदा कर रहा है हम आज यह अच्छी तरह से जानते हैं कि बच्च...